भूल सुधार- ये पिछले कार्यकाल में कहा गया था जब केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर थे।
पाइका विद्रोह की कहानी 19वीं सदी की कहानी है। दरअसल 1803 में जब ईस्टइंडिया कंपनी ने मराठाओं को हराया कर ओडिशा पर कब्जा किया तो इसी दौरान अंग्रेजों ने खोरदा के तत्कालीन राजा मुकुंददेव-2 से प्रसिद्ध जगन्नाथ मंदिर का प्रबंधन छीन लिया। इस दौरान राजा मुकुंददेव-2 नाबालिग थे। ऐसे में राज्य का पूरा कामकाज देखने की ज़िम्मेदारी जयी राजगुरु पर था। अंग्रेज़ों की इस हरक़त के बाद उन्होंने ब्रिटिश शासन के ख़िलाफ़ जंग छेड़ दी। हालांकि उनके इस क़दम के बाद अंग्रेजों ने उन्हें फांसी की सज़ा सुना दी। जयी राजगुरु को फांसी दिए जाने के बाद लोगों में काफी आक्रोश देखने को मिला।
SCRIPT: ASHUTOSH MISHRA
VOICE: ANURAG PANDEY
GRAPHICS: PANKAJ JAIN
EDITOR: PANKAJ BHATNAGAR
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